डॉ मिचियाकी ताकाहाशी जिन्होंने खोजा इस संक्रामक बिमारी का टिका

जापान के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट (विषाणु विज्ञानिक) डॉ मिचियाकी ताकाहाशी के 94वें जन्मदिन के अवसर पर गूगल ने गूगल डूडल लगाकर उन्हें सम्मानित किया है, डॉ मिचियाकी ताकाहाशी ने वायरल बीमारी जिसे की चिकनपॉक्स और भारत में इसे बहुत सी जगह छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है के लिए पहला टिका बनाया था।

चिकनपॉक्स बच्चों और कमजोर रोग प्रतिरोधक छमता वाले लोगो पर अपने गंभीर लक्षण दिखाता है, यह एक संक्रमण रोग है जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में आसानी से हवा के द्वारा फ़ैल सकता है।

डॉ मिचियाकी ताकाहाशी

डॉ मिचियाकी ताकाहाशी

16 फ़रवरी 1928 को जापान के ओसाका में जन्मे मिचियाकी ताकाहाशी ने ओसाका विश्विद्यालय से चिकित्सा में डिग्री हासिल की थी, और ओसाका विश्वविद्यालय में ही सन 1959 को माइक्रोबियल रोग अनुसंधान संस्थान में भी शामिल हुए।

मिचियाकी ताकाहाशी ने खसरा और पोलियो जैसे बिमारी का भी अध्यन किया, और अमेरिका के बेयलर कॉलेज से 1963 में शोध फोलोशिप भी स्वीकार की।

1965 में मिचियाकी ताकाहाशी ने चिकनपॉक्स के वायरस पर अपना शोध शुरू किया, मिचियाकी ताकाहाशी ने रोग के वायरस की पहचान कर इसके लिए एक टिका विकसित किया, पांच साल की कठिन मेहनत के बाद उनके द्वारा बनाया गया टिका परिक्षण के लिए तैयार था।

1972 में उनके द्वारा बनाये गए टिके के सभी परिक्षण को पूरा किया गया और इसके कुछ सालों बाद यह वैक्सीन लोगो को चिकनपॉक्स जैसी संक्रामक बीमारी से बचाने का हथियार बनी।

1986 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा चिकनपॉक्स बिमारी के एकमात्र वैरिकाला टिके को स्वीकृति मिलने के बाद ओसाका विश्वविद्यालय के माइक्रोबियल रोगों के लिए रिसर्च फाउंडेशन ने जापान में इसका रोलआउट शुरू किया।

जापान के आलावा अन्य देशो में जल्द ही इसका उपयोग होने लगा, इसके बाद 1994 में मिचियाकी ताकाहाशी को ओसाका विश्वविद्यालय में माइक्रोबियल डिजीज स्टडी ग्रुप का निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया।

(Michiaki Takahashi chickenpox vaccine)

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