
मदर टेरेसा की जीवनी – Mother Teresa Biography In Hindi
संत मदर टेरेसा (Saint Mother Teresa) का जन्म 26 अगस्त 1910 को उस्कुब में हुआ था जो अब मेसिडोनिया में स्थित है। इनके पिता का नाम निकोला बोयाजू और माता का नाम ब्रोना बोयाजू था। इनके पिता व्यवसायी थे।
मदर टेरेसा का वास्तिविक नाम अगनेस गोझा युगोस्लाविया था। मात्र 8 साल की उम्र में इनके पिता का देहांत हो जाने के कारण इनकी लालन पोषण का भार इनकी माँ पर आ गया।( Mother Teresa Biography In Hindi )
मदर टेरेसा का योगदान (Mother Teresa’s Contribution)
लोरेंटो छोड़ने के बाद शुरुआत में इनके पास आमदनी का कोई श्रोत नहीं था जिस कारण इन्हें दूसरों की मदद लेनी पड़ी फिर भी कठिन परिस्थिति आने के वावजूद भी ये लोगो की सहयता करती रही।
7 अक्टूबर 1550 को इन्होने वेंटीकन से “मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी” की स्थापना की जिसका उद्देश्य चर्म रोग से ग्रस्त, भूखों, अंधों, बेघर लोगो की मदद करना था। उस समय इस तरह किसी भी बीमारी से ग्लोरषित होने वाले लोगो को समाज में जगह नहीं दी जाती थी।
मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी की शुरुआत में केवल 13 लोग इससे जुड़े हुए थे लेकिन 1997 मदर टेरेसा की मृत्यु तक इसमें 4 हजार से भी अधिक सिस्टर्स बेघर, बीमारग्रस्त लोग की मदद कर रही है।
संत मदर टेरेसा (Saint Mother Teresa) के द्वारा लोगो की सहायता करने पर इन्हें बहुत से अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मान भी दिए गए जिनमे से भारतीय सरकार के द्वारा दिया गया पदमश्री (1962), भारत का सर्वोच्च नागरिक सामान भारत रत्न (1980) दिया गया। विश्व भारती विद्यालय ने इन्हें अपनी सर्वोच्च पदवी, दशिकोतम पदवी से सम्मानित किया. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की ओर से इन्हें डी लिफ्ट की उपाधि दी गयी।
19 दिसम्बर 1979 को Saint Mother Teresa को मानव कल्याण के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और यह तीसरी भारतीय नागरिक थी, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस पुरस्कार में मिली $192,000 की राशी को भी इन्होने गरीबो के मदद के लिए उपयोग किया.
अमेरिका स्थित कैथलिक विश्वविद्यालय के द्वारा इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया. 1985 में बिट्रेन के द्वारा इन्हें ईयर ऑफ़ द बिट्रिश एम्पायर की उपाधि दी गयी.
उम्र के साथ साथ उनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा था जिस कारण उन्हें 1983 को 73 वर्ष की उम्र में पहला दिल का दौरा पड़ा. इसके बाद 1989 में इन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा और 1991 में न्युमोनिया होने के बाद इनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ने लगा.
19 मार्च 1997 को Mother Teresa ने मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी से Head का पद छोड़ दिया. मदर टेरेसा (Mother Teresa) की मृत्यु 5 सितम्बर 1997 को 87 वर्ष की आयु में कोलकाता भारत में हुई.
संत मदर टेरेसा के प्रेरणादायक कथन / Saint Mother Teresa Quotes
- मै चाहती हूँ की आप पडोसी के बारे में चिंतिति हो.
- शब्दों से मानव जाति की सेवा नहीं होती, इसके लिए पूरी लगन से कार्य में जुट जाने की जरूरत है.
- यदि आप सौ लोगो को खाना नहीं खिला सकते तो एक को तो जरूर खिलाईये.
- सबसे बड़ी बीमारी तपेदिक या कुष्ठ रोग नहीं बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है.
- हम सभी ईश्वर के हाथ में एक कलम के समान है.
- प्रेम एक ऐसा फल होता है जो सभी मौसम में मिलता है और हर कोई इसे पाना चाहता है.
- अकेलापन सबसे भयानक गरीबी होती है.
- चमत्कार यह नहीं की हम कोई काम करते है बल्कि यह है की हमें काम को करने से ख़ुशी मिलती है.
- अगर आप यह देखना शुरू करेंगे की आपके आस पास लोंग कैसे है तो आपको उन्हें प्रेम करने का समय नहीं मिलेगा.
- जहाँ जाईये प्यार फैलाइए, जिससे जो भी आपके पास आये वह खुश होकर लोटे.